समाचार ब्यूरो
27/03/2022  :  12:24 HH:MM
रूस-यूक्रेन युद्ध से जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे, तापमान वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए कई बड़े कदम उठाने की जरूरत
Total View  1740


यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच जब लगभग सभी बड़े देश रूस से आयातित तेल और प्राकृतिक गैस पर अपनी निर्भरता कम करते जा रहे हैं, इसी बीच में मार्च महीने में भारत में रूस से तेल के आयात में चार-गुना वृद्धि हो गयी है। इसका कारण है, रूस भारत को अंतर्राष्ट्रीय दामों की तुलना में बहुत सस्ते दामों पर तेल दे रहा है। सबसे आश्चर्य तो यह है कि जिस दिन भारत द्वारा रूस से सस्ते दामों में तेल खरीदने का समाचार आया, उसके दो दिनों बाद से देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि होने लगी है और रसोई गैस के दामों में सीधे 50 रुपये प्रति सिलिंडर की वृद्धि की भी घोषणा होने लगी। जाहिर है, मोदी राज में सस्ते तेल को खरीद कर उसे बेतहाशा कीमतों पर बेचने का पुराना फार्मूला फिर से लागू कर दिया गया है। इस फार्मूला पर लगाम केवल सत्ता को हड़पने के लिए ही कुछ दिनों के लिए लगाया जाता है।






Enter the following fields. All fields are mandatory:-
Name :  
  
Email :  
  
Comments  
  
Security Key :  
   145272
 
     
Related Links :-
भारत की विकास यात्रा में सहभागी बनें ब्रिक्स के राष्ट्र: मोदी
जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास
अमेरिकी सैनिक ट्रैविस किंग अवैध रूप से पहुंचा उत्तर कोरिया
वेस्ट बैंक में इजरायली हमला , एक फिलिस्तीनी की मौत, 8 घायल
विकासशील देश बंगलादेश के विकास मॉडल का कर सकते है अनुसरण : विश्व बैंक
बंगलादेश: मूसलाधार वर्षा में बाढ़ व भूस्खलन से जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त
रूसी मिसाइल हमले में यूक्रेन के सात नागरिकों की मौत
पाकिस्तान में बस-डंपर की टक्कर में 04 की मौत, 18 घायल
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तीन साल की सजा
ट्विटर के भुगतान वाले ग्राहक ही विज्ञापन राजस्व के पात्र : मस्क